टीचर कैसे बनें, बीएड करने के बाद नौकरी कैसे पाएं ?
रायपुर, 17 जुलाई 2020
एक शिक्षित समाज ही स्वस्थ समाज के रूप में उभर सकता है। शिक्षा, हमारे लिए सिर्फ रोजगार का माध्यम नहीं बनती, बल्कि हमें जीवन को बेहतर तरीके से जीने का सलीका सिखाती है। एक शिक्षित मनुष्य जीवन की जटिलतम समस्याओं को भी बेहद आसानी से सुलझा सकता है। इसीलिए शिक्षा हासिल करना हर व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है। किसी भी छात्र को शिक्षा देने की प्रक्रिया में शिक्षक की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। एक शिक्षक सिर्फ अपने शिष्य को शिक्षित ही नहीं करता बल्कि देश और अपने समय की पीढ़ी को भी शिक्षित करता है। इसीलिए समाज में शिक्षण कार्य को बेहद सम्मान की दृष्टि से देखा गया है।
एक बच्चे के लिए उसके माता-पिता के बाद अगर कोई भगवान का रूप ले सकता है तो वह उसका शिक्षक होता है। एक टीचर ही एक बच्चे को सब सिखाता है। वही उसका मार्गदर्शक होता है। एक टीचर होना किसी के लिए भी बहुत गर्व की बात होती है। अगर आप टीचर बनना चाहते हैं लेकिन आपको उसके बारे में जानकारी नहीं है कि टीचर कैसे बने, टीचर बनने के लिए क्या करना होता है, बीएड कैसे करें, बीएड से क्या होता है आदि जानकारी आज हम आपको अपने इस आर्टिकल से बताएंगे।
शिक्षा के महत्त्व को समझते हुए ही भारत में शिक्षण कार्य करने के लिए एक विशेष डिग्री हासिल करनी होती है जिसे हम बी.एड. यानि बैचलर ऑफ एजुकेशन कहते हैं। यह 2 वर्ष का स्नातक कोर्स होता है। जिसमें शिक्षा, संस्कृति, मानवमूल्य, मनोविज्ञान, शैक्षणिक मूल्यांकन, शिक्षा दर्शन आदि विषय का अध्ययन किया जाता है। बीएड की डिग्री पाने के बाद छात्र शिक्षण कार्य हेतु तैयार हो जाते हैं। बीएड के बिना शिक्षक के रूप में कार्य कर पाना संभव नहीं है।
बी.एड. करने के बाद छात्र टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) और पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) के तहत सरकारी एवं प्राइवेट नौकरी तलाश सकते हैं। अगर आपने बी.एड. के साथ बी.ए., बी.कॉम., बी.एससी. या स्नातक स्तर की परीक्षा 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण की है। तब आप TGT ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) के तहत कक्षा 1 से लेकर कक्षा 10वीं तक अध्यापन का कार्य कर सकते हैं।
वर्ष 2011 के बाद से शिक्षण स्तर को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार ने बी.एड. के साथ ही TET टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टी.ई.टी.) की परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया है।
अगर आपने परास्नातक की परीक्षा 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण की है और साथ ही में बी.एड. कोर्स भी किया है। ऐसी स्थिति में आप PGT पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) के तहत किसी भी सरकारी या निजी स्कूल में कक्षा 12 वीं तक शिक्षण कार्य हेतु आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए भी टी.ई.टी. पास करना अनिवार्य है। एम.एड. या शिक्षाशास्त्र में एम.ए. करके भी आप उच्च शिक्षा में अध्यापन हेतु जा सकते है लेकिन इसके साथ ही आपको शिक्षाशास्त्र में NET नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) क्वालीफाई करना होगा।
किसी विद्यालय में अध्यापन कार्य करने के अलावा आप ऑनलाइन ट्यूटर, एजुकेशन कंसलटेंट, शिक्षा शोध, कंटेंट राइटर, अनुदेशक, अकादमिक काउंसलर आदि के पद पर आवेदन कर सकते हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़ी किसी संस्था में आवेदन करके शिक्षा के क्षेत्र में जॉब तलाश सकते हैं। इसके अतिरिक्त यदि शिक्षण कार्य को लेकर आपमें समझ विकसित है और अगर आप सक्षम है तब निजी विद्यालय खोलकर उसका मैनेजमेंट भी देख सकते हैं।
बीएड कैसे करे?
अभ्यार्थियों के मन में सबसे पहले ये बात आती है कि बी.एड. कैसे करे? तो हम आपको बताते है कि बीएड करने के लिए आपको सबसे पहले एक प्रवेश परीक्षा देनी होगी। उसके बाद एक काउन्सलिंग में उम्मीदवार को उसके रैंक के अनुसार कॉलेज मिलते हैं। इस वर्ष कोरोना वायरस महामारी के चलते व्यापम द्वारा ली जाने वाली प्री. बीएड प्रवेश परीक्षा अभी तक आयोजित नहीं हो पाई है। संभावना है कि इस वर्ष प्री. बीएड. प्रवेश परीक्षा आयोजित ही नहीं हो और ग्रेजुएशन की न्यूनतम अहर्ता को ही आधार मानकर बीएड में प्रवेश दिया जा सकता है।
बी.एड.सब्जेक्ट्स लिस्ट
अगर आप ये सोच रहें हैं कि बीएड में आपको क्या पढ़ना होगा तो आप नीचे बी.एड. सब्जेक्ट्स लिस्ट देख सकते हैं।
- शिक्षा, संस्कृति और मानव मूल्य
- शैक्षिक मूल्यांकन और आकलन
- शैक्षणिक मनोविज्ञान
- मार्गदर्शन और परामर्श
- समग्र शिक्षा
- शिक्षा का दर्शन
अगर आप बी.एड. करते हैं तो टीजीटी अध्यापकों के तौर पर 2.5 लाख से 3.5 लाख रुपए तथा पीजीटी अध्यापकों के तौर पर आपको 4 लाख से 5 रुपए वार्षिक वेतनमान मिल सकता है। इसके अलावा विभिन्न अन्य पदों पर योग्यता और अनुभव के आधार पर वेतनमान अलग-अलग होता है।
बी.एड. करने के बाद अवसर –
- कोचिंग केंद्र
- शिक्षा परामर्शदाता
- गृह अध्यापन
- निजी प्राइमरी
- पब्लिशिंग हाउस
- रिसर्च एंड डेवलपमेंट एजेंसियां
- स्कूल और कॉलेज
शीर्ष जॉब प्रोफाइल
- शिक्षक
- प्रशासक
- सहायक डीन
- सामग्री लेखक
- सलाहकार
- शिक्षा शोधक, आदि।