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कोविड-19 काल में सामाजिक विसंगतियों को दूर करने के लिए यूनिसेफ और एसआरयू के संयुक्त तत्वावधान में वेबिनार का आयोजन।

रायपुर, 2 जुलाई 2020

कोविड-19 के संक्रमण काल में सोशल डिस्टेंसिंग रखें लेकिन लोगों से मन की दूरी न रखें। डॉक्टर, नर्स, पुलिस, सफाईकर्मी उम्मीद के फरिश्ते हैं, इनसे भेदभाव और दूरी न बनाएं।

ये विचार श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वेबिनार में वक्ताओं ने रखे। वेबिनार में यूनिसेफ की ओर से मुख्य वक्ता के रूप में क्षेत्रीय अधिकारी जॉब ज़कारिया, संचार एवं विकास विशेषज्ञ अभिषेक सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी गजेन्द्र सिंह शामिल हुए।

जबकि एसआरयू की ओर से की-नोट स्पीकर की भूमिका में डॉ. प्रो. शोभना झा और डॉ. छबिराम मतावले उपस्थित रहे।

कोविड-19 को लेकर सोशल मीडिया और अन्य दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर हो रहे भ्रामक प्रचार से लोगों को दूर कर उन तक सही जानकारी पहुंचाने का बीड़ा यूनिसेफ ने उठाया हुआ है। इसी कड़ी में यूनिसेफ के सहयोग से श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी में वेबिनार का आयोजन किया गया।

जिसमें मुख्य वक्ता एसआरयू की डॉ. प्रोफेसर शोभना झा ने कहा कि कोविड मरीजों के प्रति बरते जा रहे भेदभाव ने समाज में दूरियां बढ़ाई हैं और इस डिसक्रिमिनेशन को दूर किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है। लेकिन इस बीमारी के भ्रामक प्रचार और गलत सूचनाओं को रोकने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी युवाओं के कंधों पर हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की वजह से युवा भी कोविड के सही तथ्यों को नहीं जान पाते हैं। ऐसे में जागरूकता अभियान चलाकर ही भय के वातावरण को समाप्त किया जा सकता है।

वेबिनार में शामिल एसआरयू के डॉ. छबिराम मतावले ने कोविड पर बनाई अपनी कविता के माध्यम से स्टूडेंट्स को जागरूक किया। डॉ. मतावले ने कहा कि 6 महीने पहले तक इस किसी ने भी कोविड का नाम नही सुना था, लेकिन अब जब बीमारी देश में है तो इससे दूर भागना नहीं बल्कि इसके सही लक्षण, बचाव के उपाय और कारगर इलाज को अपनाकर और दूसरों को बताकर युवा देश सेवा में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

यूनिसेफ के क्षेत्रीय अधिकारी जॉब ज़कारिया ने कोविड को सिर्फ इम्यूनिटी तक सीमित कर दिये जाने पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि कोविड का प्रसार सबसे ज्यादा ड्रॉपलेट्स के जरिये हो रहा है। लेकिन लोग जागरूकता के अभाव में मास्क लगाने को मजाक समझ रहे हैं।

यूनिसेफ के स्वास्थ्य अधिकारी गजेन्द्र सिंह ने पीपीटी के जरिये कोविड-19 क्या है, लक्षण क्या है, फैलता कैसे है, बचाव क्या है, रोकथाम कैसे कर सकते हैं आदि विषयों पर विस्तार से अपनी बात रखी।

यूनिसेफ के संचार एवं विकास विशेषज्ञ अभिषेक सिंह ने स्टूडेंट्स के सभी सवालों के उत्तर दिये। उन्होंने कहा कि जागरूकता बढ़ाकर, आवश्यक सेवाओ की निरंतरता बनाकर, लांछन और भेदभाव को रोककर, आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल कर, सामुदायिक केन्द्र, धार्मिक संस्थाओं, प्रभावशाली व्यक्तित्वों के भाषणों, वॉल चॉकिंग के जरिये युवा बीमारी के बारे में सही जानकारी लोगों तक पहुंचा सकते हैं।

वेबिनार में श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी के शिक्षक, स्टाफ और करीब 200 स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया। वेबिनार के अंत में धन्यवाद ज्ञापन यूनिसेफ के शिशिर सेठ के द्वारा किया गया। वेबिनार का समन्वयन एसआरयू के उप संचालक (जनसंपर्क) माधो सिंह ने किया।

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